नए कृषि क़ानून में क्या ग़लत है? क्या विरोध केवल राजनीतिक है? सरकार कहती है कि इनसे वो बेड़ियाँ टूट जायेंगी, जिन्होंने खेती को जकड़ रखा है। नए बाज़ार बनेंगे, बड़े स्केल पर तकनीक का लाभ मिलेगा, बड़ी पूँजी कृषि सेक्टर में उपलब्ध हो सकेगी। लेकिन क्या हक़ीक़त सीधे सीधे यही है? 1/n


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