थ्रेड: #उलटे_बांस_बरेली_को अमरीका वैसे तो आधुनिक शिक्षा का गढ़ माना जाता है मगर वहाँ शिक्षा बेहद महँगी है। वहाँ शिक्षा और विशेषकर उच्च शिक्षा के लिए आपको या तो किसी अमीर घर में पैदा होना होगा, या कहीं से स्कॉलरशिप जुगाड़नी होगी या फिर लोन लेना होगा। #PrivatizationBigScam
अमेरिका में स्नातकों की कम संख्या के पीछे ये भी एक बहुत बड़ा कारण है। एजुकेशन लोन अमेरिका में एक बहुत बड़ा बिज़नेस है। आज अमरीका में लगभग साढ़े चार करोड़ लोगों पर लगभग 100 लाख करोड़ का एजुकेशन लोन बकाया है यानी पूरी भारतीय GDP का आधा तो वहाँ एजुकेशन लोन चल रहा है।
लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। 1972 तक अमेरिका में छात्र पढाई के लिए सरकारी सहायता प्राप्त लोन ले सकते थे। लेकिन चूंकि ज्यादातर शिक्षा निजी हाथों में थी और सरकार का बजट सीमित था, ज्यादातर छात्र इसका लाभ नहीं उठा सकते थे। #PrivatizationBigScam
1973 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (वाटरगेट घोटाला वाले) ने Student Loan Marketing Loan Association (SLM Corporation) जो कि आम भाषा में Sallie Mae के नाम से जानी जाती है, की स्थापना की। #PrivatizationBigScam
en.wikipedia.org/wiki/Sallie_Mae
ये एक सरकारी संस्था थी और इसका काम था बैंकों से एजुकेशन लोन खरीदना और छात्रों से किश्त कलेक्ट करना ताकि बैंक ज्यादा से ज्यादा एजुकेशन लोन दे पाएं। इससे ज्यादा छात्र कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर सकते थे, हालांकि ज्यादा लोग एजुकेशन लोन के नीचे दबते भी जा रहे थे।
कुछ समय तक ये सिस्टम बढ़िया चला। लेकिन अमेरिकी सरकार चूंकि पूरी तरह से पूंजीवाद और फ्री मार्किट के सिद्धांत पर चलती है, 1997 में कॉर्पोरेट के दबाव में आकर राष्ट्रपति क्लिंटन ने Sallie Mae का निजीकरण कर दिया गया। #PrivatizationBigScam
और इसी के साथ ही न केवल एजुकेशन लोन पर से सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से ख़त्म हो गया, बल्कि इस संस्था का एकमात्र उद्देश्य अब शिक्षा के प्रसार की जगह मुनाफा कमाना रह गया था। इसके बाद ही US में कॉलेज फीस में बेतहाशा वृद्धि देखी गई। सही भी था। #PrivatizationBigScam
जितनी ज्यादा फीस, उठा ज्यादा लोन, जितना ज्यादा लोन, उतना ज्यादा ब्याज, जितना ज्यादा ब्याज उतना ज्यादा मुनाफा। और ज्यादा मुनाफा ही तो निजी कंपनियों का लक्ष्य होता है। Sallie Mae ने मुनाफा कमाने के लिए वही किया जो कि अक्सर निजी कंपनियां करती हैं। #PrivatizationBigScam
कॉलेजों को पैसा दिया गया ताकि सरकारी सहायता की जगह निजी कंपनी के लोन प्रोग्राम को प्राथमिकता दी जाए। Financial Aid Officers को खुले आम रिश्वत दी गई (उसी तरह जैसे बीमा कंपनियां बैंकों में उच्चाधिकारियों को देती हैं ताकि बैंक का काम छोड़ के बीमा बेचने पर जोर दिया जा सके)।
Sallie Mae ने कॉलेजों में सेंध लगा कर लोन काउंसलर्स की जगह अपने एजेंट बिठा दिए जो कि छात्रों को गुमराह करके Sallie Mae के लोन प्रोग्राम ने एनरोल कराने का काम करते थे। इसका प्रभाव ये पड़ा कि छात्रों के ऊपर कर्जा बहुत ज्यादा बढ़ गया। #PrivatizationBigScam
इतना ज्यादा कि लगातार किश्त भरने के बाद भी लोन की रकम बढ़ती ही जाती थी क्यूंकि उस किश्त से ब्याज भी पूरा नहीं पड़ता था। आज भी अमेरिका में लगभग 80 लाख एजुकेशन लोन डिफ़ॉल्ट में चल रहे हैं। जिस हिसाब से शिक्षा महँगी है लगभग 20% लोग एजुकेशन लोन नहीं भर पा रहे हैं।
और अमरीकी नियमों के हिसाब से अगर आप अपना एजुकेशन लोन नहीं भर रहे हैं तो सरकार आपकी और आपके माँ-बाप की सैलरी और बाकी सरकारी अनुदानों में से 15% तक राशि लोन रीपेमेंट के लिए काट सकती है। #PrivatizationBigScam
वैसे तो अमेरिका में आप बैंकरप्सी के लिए आसानी से आवेदन कर सकते हैं मगर एजुकेशन लोन के मामले में ऐसा नहीं है। निजी एजुकेशन लोन कंपनी Sallie Mae की मेहरबानी से एजुकेशन लोन के मामलों में अमेरिकी उपभोक्ता संरक्षण कानून बहुत कमजोर हैं। #PrivatizationBigScam
2010 में अमेरिकी सरकार का शिक्षा ऋण में निजीकरण का भूत उतरा और Sallie Mae को बीच में से हटा कर पुनः छात्रों को सीधे सरकार के माध्यम से शिक्षा ऋण मुहैया कराये जाने लगे। #PrivatizationBigScam
मगर इस दौरान, अमेरिका में शिक्षा बेहद महँगी हो चुकी है और एक पूरी पीढ़ी आजीवन के लिए ऋण के चक्रव्यूह में फंस चुकी है। भारत के लिए ये उदाहरण बहुत सटीक बैठता है क्यूंकि हमारी सरकार भी अमेरिका के ही रास्ते पर चलने जा रही है। #PrivatizationBigScam
youtube.com/watch?v=pVKEsi…
लगभग सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों की फीस कई गुना तक बढ़ा दी गई है। आज की तारीख में IIT-IIM की फीस भरना एजुकेशन लोन लिए बिना संभव नहीं है। वैसे तो शिक्षा ऋण में सरकार छूट देने का दावा करती है मगर यह सुविधा कुछ "पिछड़े" तबकों के लिए ही उपलब्ध है #PrivatizationBigScam
और उसे भी कब सब्सिडी हटाने के नाम पर बंद कर दिया जाएगा, कोई नहीं कह सकता। सरकार लगातार "Loan politics" खेल रही है जिसके जरिये भारत की जनता को किसी न किसी बहाने से ऋण के चंगुल में फंसाया जा रहा है ताकी सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से मुक्त हो सके। #PrivatizationBigScam
भारत को एक बचत प्रधान देश से बदल कर एक ऋण प्रधान देश बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जहां अमेरिका अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर वापिस राष्ट्रीयकरण की तरफ बढ़ रहा है, भारत सरकार अपने मजबूत राष्ट्रीय संस्थानों को निजी हाथों में देकर बर्बाद करने पर तुली है। #PrivatizationBigScam
निजीकरण के समर्थक ये भूल जाते हैं कि निजी कंपनियां सिर्फ मुनाफे के लिए काम करती हैं, उनको राष्ट्रविकास, नैतिकता, मानवीयता, पर्यावरण जैसी बेकार की बातों से कोई लेना-देना नहीं होता। #PrivatizationBigScam
ऑस्ट्रेलिया की दी ग्रेट बैरियर रीफ के पास कोल् माइनिंग, या म्यांमार में जेनोसाइड कराने वाली सरकार के साथ मिलकर बंदरगाह का निर्माण, या अमेज़न के जंगलों को साफ़ करके कॉफ़ी की खेती, इंडोनेशिया के Orangutans का घर उजाड़कर पाम ट्री की खेती, निजी कंपनियों को सिर्फ मुनाफे से मतलब है।
अभी भी समय है। सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध कीजिये, नहीं तो आपकी आने वाली पीढ़ियां चंद पूंजीपतियों की गुलाम बनकर रह जाएंगी। #PrivatizationBigScam #PrivatizationBigScam