My Dear Banker Friends नमस्कार उम्मीद करता हूँ कि आपकी नींद और चैन खराब हो गयी होगी अगर नहीं हुई तो यह आपके लिए चिन्ता का विषय होना चाहिए 2 बैंको का प्राइवेट होना अन्त की शुरुआत है आप लोगों की भली बुरी बातें सहने की शर्त पर भी मैं कहूँगा कि ये खड्डा अपने लिए खुद आपने खोदा


है। पिछले साल अलग अलग जगहों पर कृषि बिलों के विरोध में किसान आन्दोलन शुरू हुए तो किसानों को शब्द बाणों के पत्थर मारने वालों में बहुत सारे बैंकर्स भी थे वे भूल गए कि बैंक प्राइवेटाईजेशन की प्रक्रिया किसान आन्दोलन से पहले ही शुरू हो चुकी थी और कभी भी मुर्त रूप ले सकती थी


किसानों की विभिन्न नामों से ब्रांडिंग करने वाले बैंकर्स भूल गए कि "सबका नम्बर आएगा" लेकिन सारे बैंकर्स ऐसे नहीं थे कुछ निरपेक्ष भी रहे, मस्त रहे, ना बुराई की ना साथ दिया, बैंकर्स यूनियन इसी वर्ग में रहीं किसी एक दो अवसरों को छोड़कर सोचा नहीं कि कभी किसानों के सहयोग की


आवश्यकता भी पड़ सकती है और आज हम बैंकर्स को अपनी आवाज बुलंद करने के लिए उनके साथ की जरूरत है । आभार उन बैंकर्स का जिन्होने सही गलत का फर्क महसूस किया, किसानों की आवाज बुलंद की, इस बात को पहचाना कि किसान आन्दोलन जनता का, जनता के लिए आन्दोलन है और आने वाले समय में आन्दोलन की


जरूरत सबको पड़ने वाली है । क्या हम बैंकर्स बैंक बन्द करके एक सप्ताह सड़कों पर बिता सकते हैं ? क्या सर्दी में ठंडे पानी की बौछारें सह सकते हैं ? क्या दौड़ा दौड़ा कर पीटे जाने के बाद वापस धरनास्थल पर आ सकते हैं ? मुझे लाईक और रीट्वीट बेशक मत कीजिए, मगर अपनी प्रतिक्रिया जरूर


बताइए, आप कौनसी बात से सहमत हैं और कौनसी बात से असहमत #बैंक_बचाओ_देश_बचाओ


#NoVoteToBankSeller


Top